आर.के.नारायण
की पहचान‘मालगुडी
डेज़’से
इसतरह अभिन्न है कि आज उनके जन्मदिन के मौके पर गूगल ने जो डूडल बनाया है उसमें
उकेरे गये व्यक्तित्व का चेहरा भी‘मालगुडी डेज़’किताब से ढँका हुआ है । अक्टूबर 10, 1906 को चेन्नई
में जन्मे आर. के नारायण(रसिपुरम कृष्णास्वामी अय्यर नारायणस्वामी)को मैं भी‘मालगुडी डेज़’से ही जानती हूँ,लेकिन‘मालगुडी डेज़’किताब से नहीं । बचपन में
दूरदर्शन पर हर रविवार मुझे जिस धारावाहिक का बेसब्री से इंतजार रहा करता था वह
मालगुडी डेज़ ही था । इसमें हर हफ्ते एक नयी कहानी दिखाई जाती थी । दक्षिण भारत की
संस्कृति, खानपान, पहनावा, गाँव,
कस्बे, शहर को जानने का पहला मौका इसी
धारावाहिक के माध्यम से मिला । मालगुडी आर.के नारायण द्वारा कल्पित दक्षिण भारतीय
शहर है, जिसे उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से वास्तविक बना
दिया है । इस धारावाहिक की शुरूआत उस दिन की कहानी को आधार बनाकर प्रस्तुत जीवंत
रेखाचित्रों से हुआ करती थी । आर.के नारायण के छोटे भाई ख्यात कार्टूनिस्ट आर.के. लक्ष्मण के द्वारा उकेरी कृतियों का भी एक अपना सम्मोहन है ।
आज भी कभी-कभी यूट्यूब पर इसके कुछ एपिसोड्स देखती रहती हूँ ।
इन्टरनेट ने अब बहुत कुछ आसान कर दिया है । आज आर. के. लक्ष्मण के जन्मदिन पर मुझे
फिर से ‘मालगुडी डेज़’की याद आ गयी । इसके
विभिन्न पात्रों की छवियाँ मेरे मन में जैसे हमेशा के लिए सुरक्षित हो गयी हैं ।
यदि आपने कभी मालगुडी डेज़ न देखा हो या नहीं पढ़ा हो तो आप उसे यूट्यूब पर देख सकते
हैं । यहाँ इसके सभी एपिसोड उपलब्ध हैं । यकीन मानिये ये बेहद मजेदार हैं और
इन्हें देखना आपको एक अलग दुनिया से जुड़ने का अनुभव देगा । कुछ साहित्यिक कृतियाँ
जब दृश्य माध्यम के रूप में हमारे समक्ष आयीं तो उन्होंने और भी अधिक सफलता
प्राप्त की, मालगुडी डेज़ भी उन्हीं में से एक है ।
दूरदर्शन
का बेहद शुक्रिया जिसने भारत के इतने महान गल्पकार सेमेरा परिचय बचपन में ही
करवा दिया अन्यथा अभी तक भी उन्हें मैं पढ़ पाती, इसमें मुझे
संशय है ।
#R K Narayan, Malgudi Days, DD National, Doordarshan, R K Laxman,
आपके ब्लॉग पर आना हुआ जनसत्ता में आपके आलेख देखकर। आपका ब्लॉग अच्छा और महत्वपूर्ण सामग्री से भरा हुआ है।मालगुडी डेज के सम्बन्ध में मेरे ब्लॉग के इस आलेख को भी पढें। आपको अच्छा लगेगा। और अपनी प्रतिक्रिया देना न भूलें। http://chandkhem.blogspot.in/2014/10/blog-post_10.html
Bahut achha prayas hai !!! Maja aata hai tumhe padhkar!
ReplyDeleteशुक्रिया दी :)
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर आना हुआ जनसत्ता में आपके आलेख देखकर। आपका ब्लॉग अच्छा और महत्वपूर्ण सामग्री से भरा हुआ है।मालगुडी डेज के सम्बन्ध में मेरे ब्लॉग के इस आलेख को भी पढें। आपको अच्छा लगेगा। और अपनी प्रतिक्रिया देना न भूलें। http://chandkhem.blogspot.in/2014/10/blog-post_10.html
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