हिन्दी के प्रतिष्ठित कवि गद्यकार अजित कुमार 18 जुलाई 2017 को इस संसार से विदा हो गये । उनकी मृत्यु के कुछ ही दिनों बाद 29 जुलाई 2017 को उनकी जीवन संगिनी और हिन्दी की स्थापित कवयित्री स्नेहमयी चौधरी का भी निधन हो गया है । इन दोनों से मेरी संक्षिप्त लेकिन अमिट यादें जुड़ी हुई हैं । इन्हें याद करते हुए क्रमशः 18 जुलाई और 30 जुलाई को लिखे गये मेरे फेसबुक पोस्ट यहाँ ब्लॉग के पाठकों के लिए प्रस्तुत है।
फरवरी’2014 में अजित कुमार जी से अपने एम.फिल शोध के दौरान मिलना हुआ था । मुझे
हिन्दी के कुछ साहित्यकारों-आलोचकों के साक्षात्कार लेने थे । अजित जी एक फ़ोन कॉल
पर ही बेहद सरलता से उपलब्ध हो गए थे । उन्होंने साक्षात्कार के लिए अपने घर पर
बुलाया । मैं अपनी एक दोस्त राखी के साथ उनके घर पहुँची । उन्होंने बहुत ही
प्रसन्नता और उत्साह से स्वागत किया । इसके बाद बिना किसी भूमिका के उन्होंने
मुद्दे पर बात करनी शुरू कर दी थी । हिन्दी सिनेमा के गीतों के साहित्यिक महत्व पर
केन्द्रित मेरे
शोध कार्य को लेकर उनका बेहद सकारात्मक रवैया मुझे बहुत अच्छा लगा था । उनसे
दो-तीन दिन पहले मेनेजर पांडेय से हुई बातचीत से मैं थोड़ी निराश हो गई थी ।
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साक्षात्कार के दौरान बाएँ से राखी, अजित कुमार और मैं |
तय
समय के अतिरिक्त उनसे बहुत सी बातें हुईं । इतनी अधिक उम्र के बावजूद उनकी
सक्रियता प्रभावित करने वाली थी । लिखने और टाइप करने में असुविधा के कारण उनकी एक
सहायक डिक्टेशन लिया करती थी, लेकिन उनका
लेखन अनवरत था । उनकी आवाज़ में एक खनक थी और उस पर उम्र का अधिक प्रभाव नहीं पड़ा
था ।
अंत
में उन्होंने हमारे लिए चाय बनावाई । इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी स्नेहमयी चौधरी
को आवाज़ दी । उनकी स्थिति मुझे अजित जी से अधिक नाज़ुक लगी थी । वे खुद से चल भी
नहीं पा रही थीं । उन्हें कमरे के दरवाज़े से हाथ पकड़ कर अजित जी लाए । हमारा
परिचय कराया । एक कवियत्री के रूप में उनका परिचय देते हुए उन दोनों से जुड़ी और
भी कई बातें की ।
अजित
जी से वह एक मात्र मुलाकात और साक्षात्कार मुझे उनके प्रति आभारी बनाता है । आज
(18.07.2017) सुबह उठते ही उनके देहांत की दुखद सूचना मिली । उन्हें विनम्र
श्रद्धांजलि ।
xxxxxxxx
अजित
कुमार को इस दुनिया से गए तेरह दिन भी नहीं हुए थे, कि कल देर रात (29.07.2017) उनकी जीवन संगिनी और चर्चित कवयित्री स्नेहमयी
चौधरी ने भी इस संसार को विदा कह दिया!
यदि
कोई दूसरी दुनिया होती होगी, तो आप दोनो
वहां भी एक-दूसरे का यूं ही खयाल रखते हुए, खूब खुश रहें! हार्दिक
श्रद्धांजलि स्नेहमयी!
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