Saturday, 31 March 2018

एक संवेदनशील अभिनेत्री के जीवन की त्रासदी


मीना कुमारी एक बेहतरीन अदाकारा होने के साथ-साथ एक बेहद संवेदनशील इंसान भी थीं। यह कहना उचित होगा कि उनका संवेदनशील व्यक्तित्व ही उनकी अदायगी में ताउम्र झलकता रहा। इस खूबसूरत अभिनेत्री के द्वारा शिद्दत से निभाए गये किरदारों में से अधिकांश के हिस्से त्रासदी हुआ करती थी और इसी ने उन्हें 'ट्रेजडी क्वीन' के बतौर स्थापित कर दिया था।
परदे की इस 'ट्रेजडी क्वीन' का अपना जीवन भी त्रासदियों से भरा हुआ था, यह तब उन्हें परदे पर देखने वाले कम ही प्रशंसकों को मालूम रहा होगा। बचपन से ही त्रासदियों से उनका जो नाता जुड़ा वह ताउम्र पीछा करता रहा। अठारह वर्ष की उम्र में अपने से लगभग दुगुने उम्र के लेखक-निर्देशक कमाल अमरोही से उन्होंने शादी की थी। मीना के ख्वाब तब बिखरने लगे जब कमाल अमरोही ने मीना कुमारी को बात-बात पर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। वे मीना कुमारी को लगातार निगरानी में रहने वाली एक गुलाम की तरह अपनी जिन्दगी में रखना चाहते थे। उनके द्वारा कई शर्तें मीना कुमारी पर लाद दी गयी थीं। मीना इन सबको सहते हुए भी सम्बंध को बचाए रखने की लगातार कोशिश करती रहीं, लेकिन जब स्थितियाँ बर्दाश्त से बिल्कुल बाहर हो गयीं तो उन्होंने पति का घर छोड़ दिया। लेकिन यातना और प्रताड़ना का यह दौर यहीं खत्म नहीं हुआ। प्रेम की उनकी तलाश में मिले धोखे ने उन्हें शराब की बुरी लत लगा दी। उसी दौर में उनके मायके के कुछ रिश्तेदारों ने उनका भरपूर दोहन किया और धूर्ततापूर्वक उनकी कमायी सारी दौलत हड़पने में लगे रहे। अपने ही घर में वे भिखारियों की तरह जीने को मजबूर कर दी गयीं थीं। उन्हें ढंग से खाना तक नहीं दिया जाता था। शराब की लत ने उन्हें लीवर सिरोसिस की गंभीर बीमारी दी और वही उनकी मौत का कारण भी बनी।
मीना कुमारी अपने एकांत क्षणों में लिखा करती थीं। उनकी तमाम शेरो-शायरी में उनकी भोगी हुई गहरी वेदना को साफ तौर पर महसूस किया जा सकता है। जैसे उनकी लिखी इन दो उम्दा ग़ज़लों को देखिए : चाँद तनहा है आसमां तनहा / दिल मिला है कहाँ-कहाँ तनहाया फिर टुकड़े-टुकड़े दिन बीता और धज्जी-धज्जी रात मिली / जिसका जितना आँचल था उतनी ही सौगात मिली!

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