'पाकीज़ा' और 'रजिया सुल्तान'
सहित सौ से अधिक हिन्दी फिल्मों में काम करने वाली गीता कपूर के
बारे में पिछले साल एक खबर आई थी कि बीमारी की हालत में उन्हें बिना बताए उनके
बच्चे मुंबई के एक अस्पताल में छोड़कर चले गए थे। वहां से उन्हें फिर एक
वृद्धाश्रम में ले जाया गया था, जहां उन्होंने बताया था कि
उनका बेटा उन्हें भूखा रखता था और तकलीफें दिया करता था।
खबरों
के मुताबिक गीता कपूर के दो बच्चे हैं। उनका बेटा प्रोफेशनल कोरियोग्राफर है और
बेटी एयरहोस्टेस है। बहुत बुरे अनुभवों के बावजूद भी गीता हमेशा अपने बच्चों को
याद किया करती थीं और उन्हें उम्मीद थी कि उनके बच्चे उन्हें वापिस लेने आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह ज़रूर हो गया कि दुख और बीमारी झेलते हुए गीता
56-57 की उम्र में ही 75-80 वर्ष की वृद्धा जैसी लगने लगी थीं। आज गीता कपूर का
निधन हो गया। दुखद यह है कि बीमारियों से अधिक उन्हें भावनात्मक ज़रूरतों के अभाव
ने असमय इस दुनिया को छोड़ने के लिए बाध्य किया!
नम
श्रद्धांजलि।
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