Friday 8 June 2018

प्रेमी जोड़ों के प्रति घृणा का एक रूप यह भी!

हैदराबाद का लुम्बिनी पार्क मेरी पसंदीदा जगहों में से एक है।‌ हुसैन सागर के बीचों-बीच खड़ी बुद्ध की बेहद विशाल प्रतिमा मन को मोह लेती है।
पिछले दिनों लुम्बिनी पार्क जाना हुआ था। इस बार वहां ऐंट्री गेट के पास एक बड़ा सा पोस्टर टंगा दिखा। दूर से मुझे लगा कि इसपर पशुओं के प्रति संवेदनशील व्यवहार की अपील करने वाला कोई संदेश लगा होगा। लेकिन नजदीक जा कर जो देखा और पढ़ा वह मन को दुखाने वाला था। कुंठाएँ कितने-कितने रूपों में अभिव्यक्त होती हैं! वास्तव में यह प्रेम के प्रति बेहद घृणा प्रदर्शित करने वाला और प्रेमी जोड़ों के प्रति बेहद अपमानजनक पोस्टर है। मनुष्य ही नहीं पशुओं का प्रेम भी इस घृणा की जद में है!
सार्वजनिक और एकांत जगहों का भेद प्रेमी जोड़ों को भी अच्छी तरह से मालूम होता है। यह उन्हें सिखाने की ज़रूरत नहीं होती! उनसे उनका एकांत तक छीन लेने को आमादा लोग, सार्वजनिक जगहों पर भी उनका साथ होना, साथ बैठना, हाथ पकड़ कर चलना और बातें करना तक बर्दाश्त नहीं कर पाते!
ऐसे लोग इस तरह के हज़ारों पोस्टर लगा दें तब भी उन्हें निराशा ही हाथ लगेगी। जोड़े कुंठित दुनिया की परवाह नहीं किया करते। यह पोस्टर बुद्ध को समर्पित एक खूबसूरत जगह को बदनुमा बनाने का काम ज़रूर कर रहा है। दरअसल इस तरह की सोच पूरी दुनिया को बदनुमा बना देने के अभियान का ही तो हिस्सा है!!

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