मैन्सट्रुअल
कप के बारे में मैंने पहली बार लगभग तीन-चार
साल पहले सुना था। तब इसके बारे में जानने की जिज्ञासा तो हुई, लेकिन बहुत ध्यान
नहीं दिया। आसपास किसी को इसे यूज़ करते कभी देखा, सुना नहीं था। यहाँ तक कि इसका
कभी कोई विज्ञापन तक नहीं देखा था। हम जैसों, जिनकी माएँ मासिक धर्म के दिनों में कपड़े
का इस्तेमाल किया करती थीं, के लिए सैनिटरी नैपकिन के ‘उन दिनों’ भी मुक्त और
निश्चिंत रहने वाले विज्ञापन ही क्रांतिकारी हुआ करते थे। इसमें कोई संदेह नहीं कि
सैनिटरी नैपकिन ने मासिक धर्म के दिनों को अपेक्षाकृत बहुत सुविधाजनक और स्वस्थकर
बनाया, लेकिन इसके बावज़ूद सैनिटरी नैपकिन को उतना भी सुविधाजनक नहीं समझा जाना
चाहिए, जितना विज्ञापनों में दिखाया जाता है!
असुविधाओं
को झेलते हुए सैनिटरी नैपकिन से बेहतर की तालाश का खयाल आना स्वाभाविक है। इसी
क्रम में मैन्स्ट्रुअल कप के बारे में जानने की इच्छा बढ़ी और पिछले लगभग दो
वर्षों से मैंने इस बारे में जानकारी हासिल करना शुरू किया। यूट्यूब पर उपलब्ध
इससे सम्बंधित ढेरों वीडियोज़ देखे, इंटरनेट पर उपलब्ध तकरीबन सौ से अधिक
आर्टिकल्स पढ़े। यानी एक छोटे-मोटे रिसर्च जैसा अनुभव रहा। इस दौरान मैन्सट्रुअल कप में न सिर्फ मेरी दिलचस्पी लगातार बढ़ती गयी,
बल्कि इसको लेकर मेरी धारणा भी काफी अच्छी होती गयी। इसका सबसे बड़ा कारण यह रहा
कि जिन औरतों ने इसका इस्तेमाल किया था, उनमें से अधिकांश के अनुभव इसे लेकर बेहतरीन
थे और उनकी प्रतिक्रियायें बेहद सकारात्मक थीं। उन महिलाओं ने सैनिटरी नैपकिन की
तुलना में इसे बहुत बेहतर बताया था।
इन
सब बातों को जानने समझने के बाद मैन्सट्रुअल कप खरीदने की मेरी इच्छा तो हो रही थी, लेकिन एक
हिचक बरकरार थी। मेरे आसपास और मेरी जानकारी में अब तक कोई भी ऐसी दोस्त या परिचित
नहीं थीं, जो मैन्सट्रुअल कप यूज़ करती हों, और जिनसे उनके अनुभव के बारे में सीधी
बात की जा सके। इस दौरान की एक दिलचस्प बात साझा करना चाहूँगी। मैंने कई महीने
पहले अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर मैन्सट्रुअल कप की फोटो लगाई थी। मेरा मकसद यह जानना था कि
मेरी कितनी फ्रेंड्स या रिलेटिव्स इसके बारे में कम से कम जानती हैं। मुझे यह
जानकर आश्चर्य नहीं हुआ कि मेरी अधिकतर फ्रेंड्स ने मुझसे पूछा कि ये क्या है?
मतलब कोई ऐसी तो नहीं ही मिली जो इसे यूज़ करती हों, लेकिन ज्यादातर इसके बारे में
जानती भी नहीं थी!
बहरहाल
मुझे ऐसा लगा कि अपने मित्रों परिचतों के अनुभव की बाट जोहना उचित नहीं है। जितनी
जानकारी मेरे पास थी, वह इसको सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए पर्याप्त थी। दो-तीन
महीने पहले मैंने एक ऑनलाइन साइट से इस कप को खरीदा। पिछले महीने पहली बार मैंने मैन्सट्रुअल
कप का इस्तेमाल किया, इसे यूज़ करते हुए
थोड़ी घबराहट और थोड़ा डर जरूर था, लेकिन इस दौरान मेरे पढ़े हुए आर्टिकल्स, देखे
गये वीडियोज़ और औरतों के साझा किये हुए अनुभव काम आए। अब जब कि मैंने मैन्स्ट्रुअल
कप का खुद इस्तेमाल कर लिया है, मेरे अनुभव भी प्रामणिक हैं, और इन्हें दूसरों से
साझा करना मैं अपना दायित्व समझती हूँ। मेरे अनुभव, मेरी अपेक्षा से कहीं अधिक
बेहतर रहे। सैनिटरी पैड की तुलना में मैन्स्ट्रुअल कप न सिर्फ
बहुत अधिक सुविधाजनक है, बल्कि अधिक हाइजेनिक भी है। जहाँ तक मुझे याद है पीरियड्स
के दौरान इतने अधिक सुकून से मैं कभी नहीं रही। पैड यूज़ करते हुए आप पीरियड्स के
दौरान पूरी तरह मुक्त नहीं रहते, चाहे कितना भी बढ़िया पैड आप यूज़ करें, लेकिन मैन्सट्रुअल
कप यूज़ करके मैं पहली बार पीरियड्स के
दिनों में भी खुद को आम दिनों की तरह सहज महसूस कर पा रही थी। किसी तरह की कोई
दिक्कत नहीं हुई। मैं मैन्सट्रुअल कप के
साथ बाहर गयी। दिन के लगभग बारह-तेरह घंटे मैंने घर से बाहर गुज़ारे, इस दौरान पैदल,
लोकल ट्रेन, बस, ऑटो में सफ़र किया, सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया, घंटों कुर्सी
पर बैठकर लोगों को सुना और खुद मंच पर खड़ी होकर श्रोताओं से मुखातिब भी हुई। यह सब
करते हुए मैं एकदम बेफिक्र रही, न दिनभर पैड बदलने की कोई टेंशन रही, न दाग लग
जाने का कोई डर!
जब
हम मैन्सट्रुअल कप इस्तेमाल करते हैं तो यूज़्ड
पैड फैंकने के झंझट से हमें निजात मिलती है। पानी
से अच्छी तरह धोते ही यह फिर से इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाता है। इस दौरान हाइजीन
का खासा ख़याल ज़रूर रखना होता है। मसलन आपके हाथ अच्छी तरह से साफ हों। आपने जिस
पानी का इस्तेमाल किया हो वह भी साफ-स्वच्छ हो। आजकल जो कूड़े के निपटान की
समस्याएँ आ रही हैं, और कहा जाता है कि भारी मात्रा में डंप किये जाने वाले
सैनिटरी नैपकिन पर्यावरण के लिए बहुत नुकसानदेह साबित हो रहे हैं, ऐसी स्थिति में
यह रियूज़ेबल सिलिकॉन कप स्त्रियों और पर्यावरण दोनों के लिए एक वरदान की तरह है।
इसकी एक बड़ी खासियत यह भी है कि इसकी कीमत बार-बार खरीदे जाने वाले सैनिटरी नैपकिन
की तुलना में बहुत कम है। एक मैन्सट्रुअल कप की कीमत औसतन 300 से 500 तक है, जिसका
इस्तेमाल आप कम से कम पांच से छ: साल तक कर सकते हैं और अच्छे गुणवत्ता के
मैन्सुट्रुअल कप का आठ से दस वर्षों तक भी इस्तेमाल इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे
बहुत आसानी से अपने साथ कैरी भी किया जा सकता है।
मेरे
खयाल से अब सैनिटरी नैपकिन की असुविधाओं से भी आज़ाद होने का दौर आ चुका है। यह
बात सही है कि एक बड़ी आबादी तक आज भी सैनिटरी नैपकिन तक की पहुँच भी नहीं है,
लेकिन उन तक भी सिर्फ सैनिटरी नैपकिन ही नहीं, बल्कि मैन्सट्रुअल कप के इस्तेमाल व
फायदों से जुड़ी जानकारी और उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। मेरे खयाल से औरतों
को मैन्सट्रुअल कप का इस्तेमाल कर यह
ज़रूर जानना चाहिए कि उनके लिए यह सुविधाजनक है या नहीं। सबके अपने अनुभव हो सकते
हैं। मेरा जो अनुभव रहा उसके आधार पर मैं इसे दूसरों को जरूर रिकमेंड करना
चाहूँगी। अब वक्त आ चुका है कि हम सैनिटरी नैपकिन से मैन्स्ट्रुअल कप की ओर शिफ्ट
करें।
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