Friday, 25 January 2019

नहीं रहीं कृष्णा सोबती

मुझे लगता है कि पंजाबी समाज और उसके लोक व्यवहार को उतना मैंने अपने अनुभवों से नहीं जाना, जितना कृष्णा सोबती के उपन्यासों से जानने का मौका मिला।
कृष्णा जी एक भरपूर और सार्थक ज़िन्दगी जी कर आज विदा हुईं। जीवन के आखिरी दिनों तक उनके जैसी सक्रियताप्रतिरोधी मुखरता और ज़िंदादिली कम लोगों को मिलती है।कृष्णा सोबती एक श्रेष्ठ रचनाकार के बतौर ही नहीं एक शानदार व्यक्तित्व के तौर पर भी याद रखी जाएंगी। विनम्र श्रद्धांजलि।

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