Friday 26 August 2016

बीएचयू में यौनउत्पीड़न की एक घटना और न्याय के लिए संघर्ष

इसी हफ्ते में जेएनयू में हुई बलात्कार की कथित घटना और उसके बाद की तीव्र प्रतिक्रिया ने सबका ध्यान खींचा, लेकिन खबरों में तकरीबन एक सप्ताह पहले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर की उस कथित अब यह माना जाने लगा है कि किसी भी तरह के बलात्कार अथवा यौन शोषण का कारण यौन इच्छा या उत्तेजना नहीं होती बल्कि इसके पीछे घोर आपराधिक मानसिकता, भारी घृणा, विद्वेष, हिंसक सोच और आदतें होती हैं । इसका शिकार कोई भी हो सकता है । स्त्री, बच्चे, एलजीबीटी ही नहीं एक युवा पुरुष और यहाँ तक कि वृद्ध पुरूष भी । इसलिए भी यौन अपराधों को लैंगिक वर्चस्व मात्र के चश्मे से देखना सही नहीं है ।
घटना पर कम चर्चा हुई जिसमें यह आरोप है कि विश्वविद्यालय के एम.ए. के एक छात्र के साथ परिसर में स्थित स्वास्थ्य केन्द्र के एक कर्मचारी ने अपने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर बलात्कार किया । खबरों के ही अनुसार इस मामले को विश्वविद्यालय प्रशासन दबाने में जुटा हुआ है। पुलिस ने बहुत देर से रिपोर्ट लिखी और संभवतः गिरफ्तारियाँ अभी तक नहीं हो सकी हैं! यह भी खबर है कि छात्र और उसके परिजनों को लगातार धमकाया जा रहा है और उनपर शिकायत वापस लेने का भारी दबाव बनाया जा रहा है। जो जानकारी मिल सकी है वह इतनी है कि आम छात्रों ने इस मसले पर संगठित हो कर छिटपुट विरोध प्रदर्शन किये हैं, लेकिन अबतक प्रभावी छात्र संगठनों ने इस मसले पर कोई बड़ी पहल कदमी नहीं की है। क्या यह आवश्यक नहीं था कि जेएनयू मामले की तरह इस मामले को भी गंभीर मानते हुए विरोध प्रदर्शन किये जाते?
जरूरी है इस तरह के हर मसले पर कड़ी कारवाई हो और इसतरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएँ । इस तरह की घटनाओं में त्वरित और निष्पक्ष जाँच सुनिश्चित की जानी चाहिए। एक और बात जो महत्वपूर्ण है वह यह कि इस तरह की घटनाओं में कथित पीड़ित के साथ न्याय की लड़ाई में लैंगिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए । दुर्भाग्य से ऐसा ही होता रहा है । इस प्रसंग में भी कुछ समाचार पत्रों ने शिकायत करने वाले छात्र की पहचान तक सार्वजनिक कर दी है ।
बीएचयू प्रशासन और पुलिस प्रशासन पर उचित कारवाई के लिए एकजुट होकर भारी दबाव बनाने की जरूरत है । शिकायत करने वाले छात्र पर जो बीती है और जो उसकी मानसिक दशा है उसका अनुमान और कोई नहीं लगा सकता । इसके अतिरिक्त उसे और उसके परिजनों को लगातार मिल रही धमकियों और दबावों से तंग आ चुके छात्र ने प्रशासन और मीडिया से कहा है कि न्याय नहीं मिलने पर वह आत्महत्या कर लेगा । उसकी लड़ाई को अपनी लड़ाई समझ कर शामिल हों। वह लड़ना चाहता है उसे मरने के लिए न छोड़ें ।

सम्बंधित खबरों के कुछ लिंक :


# BHU Gang Rape of a male student, Question of Justice, Role of Police, University administration, Insensitive Media, Unsafe university places, Sexual Violence  

No comments:

Post a Comment