Tuesday 27 September 2016

नांगलोई में शिक्षक की हत्या महज एक बानगी है

प्रतीकात्मक तस्वीर :एनडीटीवी से साभार
दिल्ली के नांगलोई इलाके के एक स्कूल में बारहवीं के दो विद्यार्थियों द्वारा अपने अन्य चार साथियों के साथ मिलकर अपने एक शिक्षक की हत्या का मामला सामने आया है । सुल्तानपुरी रोड का यह स्कूल इसके विद्यार्थियों के कारनामों की वजह से पूरे इलाके में कुख्यात है । यहाँ जब दोपहर की शिफ्ट के लड़कों की शाम को छुट्टी होती है, उस वक्त उस पूरे इतने बड़े रोड से पैदल या रिक्शे से निकल पाना बहुत भयावह होता है । झुण्ड के झुण्ड बेलगाम विद्यार्थी, सरेआम सड़क पर लड़कियो, औरतों से छेड़-छाड़ करते हुए, एक दूसरे को या किसी को भी गन्दी-गन्दी गालियाँ देते हुए, राह चलते लोगों को परेशान करते, मारपीट करते हुए, निकलते हैं । तब सड़कों पर इनका राज होता है । कोई पीसीआर वैन तक सड़क पर गश्ती के लिए नहीं होती है । यह सब मेरा अपना देखा-जाना हुआ है । यह कल्पना करना कठिन नही है कि इस स्कूल के शिक्षक किन परिस्थितियों में काम करते होंगे ।
दरअसल यह स्कूल और छात्रों द्वारा शिक्षक की हत्या की घटना महज एक बानगी है । ऐसे कई स्कूल हैं (कमोबेश दिल्ली के सारे सरकारी स्कूलों और खास तौर पर दोपहर की पाली के स्कूलों का यही हाल है) अगर समय रहते सचेत नहीं हुआ गया तो ऐसी कई घटनाएं और भी होंगी । इस तरह की अपराधिक प्रवृत्ति के पीछे कारण जो भी हो, इसको नज़रअंदाज करना ठीक नहीं है । इन स्कूलों में नियमित काउंसलिंग होनी चाहिए । मनोचिकित्सकों से मदद लेनी चाहिए । विद्यार्थियों के आचरण पर जरूरत भर निगरानी भी रखी जानी चाहिए । गलत करने पर इनमें कानून व्यवस्था के खौफ का होना भी जरूरी है । इन सब पर जितनी जल्दी हो सके सरकार को काम करना चाहिए अन्यथा और भी बुरे परिणाम सामने आएँगे ।

सम्बंधित ख़बर का लिंक : 
2. http://inkhabar.com 

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Boys of evening schools, Violence in students

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