लड़कियाँ अक्सर ये
सोचती-कहती हैं कि लड़के तब तक उनकी चुनौतियों और परेशानियों को नहीं समझ
सकते, जबतक वे खुद लड़की नहीं बन जाते । कुछ अपवादों को छोड़ दें तो अक्सर लड़के यही सोचते हैं कि आज-कल लड़कियों को कहीं कोई दिक्कत नहीं है बल्कि
उन्हें लड़की होने के फायदे अधिक मिल रहे हैं - चाहे बस में सीट हो, नौकरी में प्रमोशन हो, लड़कों का अट्रैक्शन हो या कोई
नखरे उठाने वाला हो ! और जब इन्हें थोड़ी बहुत भी परेशानी हो जाए तो फेमिनिज्म का
झंडा उठा लेती हैं ! लेकिन क्या सच में ऐसा ही है?
इस तरह सोचने वालों
के लिए मैं एक रिकमंडेशन करना चाहूँगी । पिछले साल ‘वाय फिल्म्स’ ने एक वेब सीरीज इंटरनेट
पर रिलीज की थी- ‘मैन्स वर्ल्ड’- इसे
जरूर देखिये । इस दुनिया में पुरुष और स्त्रियों की भूमिकाएँ यदि बदल जाए तो क्या
होगा? चार एपिसोड के इस वेब सीरीज में इसे बेहद महीन तरीके से फिल्माया गया है । इसकी खासियत यह
है कि इसकी महीनता के बावजूद इसकी प्रस्तुति बहुत सरल-सहज है । यह ऐसी दुनिया को
महसूस करने का मौका देता है जहाँ पुरूषसत्ता, स्त्रीसत्ता में स्थांतरित होती है ।
इस दुनिया में स्त्री के प्राकृतिक दायित्व जैसे मासिक धर्म और गर्भधारण भी
पुरुषों के जिम्मे होते हैं । यह सीरीज इस नयी दुनिया में एक पुरुष की चुनौतियों
और जटिलताओं को दिखाती है और इसे तुलनात्मक रूप से समझने का अवसर भी देती है ।
पुरूषसत्ता का विकल्प
स्त्रीसत्ता नहीं है । वर्चस्व पुरूष का हो या स्त्री का अपनी प्रकृति और परिणाम
में में वह नकारात्मक ही होगा । इसलिए संवेदनशील औरतें अथवा संवेदनशील पुरुष
बराबरी की दुनिया की इच्छा करते हैं, या इसके लिए प्रयत्नशील रहते हैं । मेरे खयाल
से यह वेब सीरीज बराबरी की दुनिया की जरूरत का एहसास करा पाने में पर्याप्त
प्रभावी है ।
************
#Man's World, Web Series, Youtube, Patriarchy, Feminism, Gender Equality, Women Sensitive
No comments:
Post a Comment