Saturday 18 March 2017

ताकि ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके

 12-13 साल पहले पापा ने एक सेकंड हैण्ड कार खरीदी थी । वह टोयोटा कोरोला का कोई पुराना मॉडल था, जिसके स्पेयर पार्ट्स मिलने बंद हो गये थे! लेकिन हमारी जानकारी में कार की हालत बहुत अच्छी थी और देखने में भी बहुत बड़ी और शानदार लगती थी । 
कार खरीदे कुछ ही महीने हुए थे, जब हमारा पूरा परिवार जिसमें कुल पांच लोग हैं : मेरे दो भाई, मैं और मम्मी-पापा : दिल्ली से पंजाब  जा रहे थे । इस कार से हमारी यह पहली लम्बी यात्रा थी । इससे पहले हम इस कार से दिल्ली और आसपास की किन्हीं जगहों तक ही गए थे । हम सफ़र पर निकल चुके थे पंजाब की सीमा शुरू होने से कुछ पहले ही किसी हाईवे पर अचानक से लोगों ने हमारी कार के शीशे ठकठकाने शुरू कर दिए हमें समझ नहीं आया कि ये हो क्या रहा है ! लोग बाहर से कुछ बोलने की कोशिश कर रहे थे लेकिन आवाज़ शीशे बंद होने की वजह से हम तक नहीं पहुँच पा रही थी । खिड़की का शीशा खोलकर सुने इसके लिए शीशा खोलने का प्रयास करने लगे, लेकिन शीशा खुला ही नहीं । जो लोग भी खिड़कियों की तरफ बैठे थे सबने अपनी-अपनी तरफ से शीशा खोलने का प्रयास किया लेकिन खिड़कियाँ जाम हो गयी थीं ! तब हम सब घबरा गये और लगा कि कुछ बुरा घट गया था । इतने में बाहर लोगों की अच्छी-खासी भीड़ जमा हो गयी थी, और हमें यह समझ आ गया था कि गाड़ी में आग लग गयी है । हमने घबराकर दरवाजे खोलने शुरू किये और पाया कि दरवाजे भी जाम हो चुके थे । खुल ही नहीं रहे थे! हम लोग अन्दर से और भीड़ में से कुछ लोग बाहर से दरवाजे खोलने का प्रयास कर रहे थे । एकदम शोरगुल का माहौल हो गया था । हम तीनो भाई-बहन तब छोटे-छोटे ही थे, हम सब बहुत अधिक डर गये थे । जैसे-तैसे लोगों की हिम्मत और प्रयासों से हमारी कार के दरवाजे खुले और हम लोग बाहर आ पाए । बाहर आकर देखा गाड़ी के पीछे सिर्फ धुआं-धुआं दिख रहा था । पीछे की तरफ आग लगने की वजह से शायद पापा को या हमें गाड़ी में बैठे हुए कुछ महसूस नहीं हो सका था । उस दिन लोगों ने समय रहते हमारी मदद न की होती तो हम शायद उसी गाड़ी में जल गये होते ! 
कुछ देर बाद पापा ने पास के किसी मैकेनिक को बुला कर गाड़ी ठीक करवाई और हम लोग सावधानी के साथ वापस घर की ओर चल दिए । वह यात्रा अधूरी छूट गयी । हम सब सही-सलामत बच गये यही हमारे लिए बहुत बड़ी बात थी । वहां से आने के बाद जल्दी ही पापा ने वो गाड़ी भी बेच दी । जब-जब उस घटना की याद आती है तो भीतर तक सिहर जाती हूँ ।
आज सिहरा देने वाली उस घटना की फिर याद आ गयी जब कार रेसर अश्विन सुंदर और उनकी पत्नी की एक कार दुर्घटना में हुई मौत की दुखद ख़बर पढ़ी । चैन्नई में हुई इस दुर्घटना में उनकी मौत मौके पर ही हो गयी । वे लोग पौरुर जा रहे थे सुबह के लगभग साढ़े तीन बजे का समय था, कार अधिक गति से चलाई जा रही थी और नियंत्रण खोने के बाद वह पेड़ से टकरा गयी । कहा जा रहा है कि टकाराने के साथ ही कार में आग लग गयी और कार के दरवाजे जाम हो जाने की वजह से वे लोग बाहर नहीं निकल सके !

हम लोगों को कुछ चीज़ों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए । सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कभी भी गाड़ी अधिक गति से नहीं चलायी जानी चाहिए, इससे दुर्घटना के आसार कई गुना अधिक बढ़ जाते हैं । दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि गाड़ी की सर्विस समय-समय पर करवाते रहना चाहिए और आप जब भी किसी लम्बी यात्रा पर अपनी गाड़ी से निकलें तब अच्छे से एकबार गाड़ी की जांच करवा लें । उस दिन हमारी गाड़ी बहुत देर तक चलने की वजह से गरम हो गयी थी और शायद इसी वजह से आग लग गयी थी । इसलिए इस बात का भी ध्यान रखें की लम्बी यात्रा के दौरान कुछ-कुछ दूरी पर गाड़ी को रोक कर थोड़ा आराम कर लें ताकि गाड़ी को बहुत अधिक गरम होने से बचा जा सकें, इस बात का ध्यान ख़ास तौर पर उन लोगों को तो रखना ही चाहिए, जिनकी गाड़ियाँ पुरानी हैं । और सबसे जरुरी बात कि कोई भी सेकंड हैण्ड वाहन खरीदते हुए उसकी स्थिति को अच्छे से जांच-परख कर ही लें । पापा ने इस बात पर इतना ध्यान नहीं दिया था । इन सब चीज़ों का ध्यान रखते हुए कुछ दुर्घटनाओं से तो बचा ही जा सकता है । 

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