Friday 28 April 2017

******वर्चस्ववादी संस्कृति के विरूद्ध फ़ैज़******

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दुनिया भर के दुख-दर्द को महसूस करने और मार्क्सवादी दृष्टिकोण से उसका विश्लेषण करने की प्रक्रिया किसी को भी वर्चस्ववादी संस्कृति का प्रबल विरोधी बना देने के लिए पर्याप्त होती   है। वर्चस्व किसी वर्ग का होकिसी समुदाय का होकिसी लिंग का होकिसी देश का अथवा किसी अराजक राजनितिक शक्ति का हो या किसी अन्य तरह का हो हर तरह के वर्चस्व के खिलाफफ़ैज़ अपनी संवेदना और अपने वैज्ञानिक साम्यवादी दृष्टिकोण के कारण प्रतिरोध की समानांतर संस्कृति रच पाने में कामयाब हो पाते हैं।
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