केरल
को लोग उसकी समृद्ध प्राकृतिक विरासत के लिए भी जानते हैं। नदियां, समुद्र, हरी-भरी धरती और पहाड़ों की अद्भुत खूबसूरती
केरल को एक अलग पहचान देती है। केरल के विषय में किसी की यह उक्ति बहुत प्रसिद्ध
है कि प्रकृति ने मानों एक बड़े कैनवास पर हरे रंग की सुंदर चित्रकारी की हो!
वही
केरल इस समय बाढ़ की भारी विभीषिका से जूझ रहा है। कई लोग मारे गए हैं, बहुत सारे लोग विस्थापित हो रहे हैं। लोग भुखमरी और बीमारियों के शिकार हो
रहे हैं। कुल मिलाकर केरल की एक बड़ी आबादी भयंकर संकट का सामना कर रही है और
जान-माल का बहुत नुकसान हो रहा है। केरल के लोग सामान्य: इस तरह की बाढ़ के आदी
नहीं रहे हैं, इसलिए यह एक नए तरह का खतरा है! आशंका होती है
कि वहां के सहज पारितंत्र के साथ अनावश्यक छेड़छाड़ की जा रही है और व्यावसायिक
दोहन या लाभ के इस तरह की गलतियां की जा रही हैं जो नहीं की जानी चाहिए थीं! इसके
अलावा जो स्थिति है उससे यह भी पता चलता है कि किसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के
लिए कितनी कम तैयारियां की गई थीं!
जो
भी हो इस समय एकजुट होकर केरल को इस आपदा से उबरने में मदद करना हम सबकी
प्राथमिकता में होना चाहिए। इसके बाद केरल को उसी स्वाभाविक केरल की स्थिति में
लाने की ज़रूरत होगी जहां प्रकृति केरलवासियों की सबसे सच्ची सहचरी होती है, संहार करने वाली नहीं!!
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