हाल
ही में सम्पन्न दिल्ली नगर निगम की प्राइमरी टीचर भर्ती परीक्षा के लिए तैयार
प्रश्नपत्र में जाति सम्बंधित आपत्तिजनक प्रश्न पूछा गया है। पिछले दिनों इसी तरह
का एक प्रश्न हरियाणा में आयोजित किसी परीक्षा में भी पूछा गया था। इन प्रश्नों को
सूक्ष्मता से देखने पर इनमें जातिवाद ही नहीं लिंग, रंग और नस्ल से जुड़े दुराग्रह एकसाथ नज़र आते हैं। ऐसे प्रश्न तैयार करने
वाले कौन लोग हैं? किस सोच के तहत ऐसे प्रश्न तैयार किये
जाते हैं? इससे चयन समितियों की खतरनाक मानसिकता और
पूर्वाग्रह के साथ-साथ दुस्साहस का भी पता चलता है! संविधान का क्या खूब मखौल
उड़ाया जा रहा है। जिम्मेदार लोगों पर कड़ी अनुशासनात्मक कारवाई होनी चाहिए। इस
तरह की बीमार मानसिकता का उन्मूलन बहुत आवश्यक है।
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