Tuesday, 16 October 2018

क्लब फैक्ट्री का स्त्री गरिमा से खिलवाड़


दुनिया भर में स्त्रियों से जुड़े मुद्दों पर भले ही आंदोलन हो रहे हों, बहसें चल रही हों, लेकिन बाज़ार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता! बाज़ार अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आता! पिछले साल अमेज़न पर एक ऐसा एशट्रे बेचा जा रहा था, जो स्त्रियों की गरिमा को बहुत अधिक ठेस पहुंचाने वाला और उनके प्रति यौन हिंसा की भावना को प्रोत्साहित करने वाला था। सोशल मीडिया पर उस एशट्रे का लगातार और बहुत अधिक विरोध होने के बाद ही अमेज़न ने उसे अपने डिस्प्ले लिस्ट से हटाया था। लेकिन क्या इस घटना और उसपर आयी प्रतिक्रियायों से बाज़ार ने कोई सबक लिया? नहीं!
क्लब फैक्ट्री नामक एक ऑनलाइन मार्केटिंग पोर्टल है, जिसकी लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। कल फेसबुक पर इसके स्पॉन्सर्ड विज्ञापन पर मेरी नज़र गयी, तो जैसे एक झटका सा लगा। यह एक टीशर्ट का डिस्प्ले था। इसके फ्रंट पर जो इमेज छपी हुई है, वह निहायत ही आपत्तिजनक है। इसमें एक लगभग नग्न स्त्री देह के साथ एक सेक्शुअल एक्ट का इस तरह इस्तेमाल किया गया है, जिससे स्त्रियों को यौन दासी समझने की मानसिकता खूब अधिक प्रोत्साहित होगी। इस टीशर्ट के डिसक्रिप्शन में भी इसे मिस न्युट्रल प्रिंट मेल टीशर्ट कहा गया है। यानी स्त्री देह के रूप में एक ऐसी वस्तु जिसका स्वामित्व हासिल किया जा सकता है और जिसके साथ जो मन चाहे वह किया जा सकता है!
इस टीशर्ट को देखने के बाद मैं क्लब फैक्ट्री की साइट पर गयी जहाँ मुझे कई और बेहद आपत्तिजनक टीशर्ट्स दिखीं। मसलन एक ऐसी टीशर्ट दिखी जिसपर एक स्त्री की नग्न छवि इस तरह उकेरी गयी है कि उसकी योनि एक प्याले का आभास देती है, जिसमें शराब उड़ेली जा रही है। मेरे ख़याल से इसमें निहित दुर्भावना को समझने के लिए अलग से व्याख्या की ज़रूरत नहीं होनी चाहिए। चिंता का विषय यह भी है कि ऐसी टीशर्ट्स न सिर्फ बेचीं जा रहीं बल्कि खूब खरीदी भी जा रही हैं, और जबरदस्त रेटिंग के साथ खूब पसंद भी की जा रही हैं।
बाज़ार का स्त्री की गरिमा के प्रति विरोधी रवैया ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। पूरी निर्लज्जता और ढिठाई के साथ नए-नए सामान और नए-नए तरीके इज़ाद किये जा रहे हैं। जिस समाज में खुले आम ऐसी चीज़ें बेचीं और खरीदी जा रही हों वहाँ एक जिंदा स्त्री के प्रति अच्छे रवैये या मानसिकता की उम्मीद किस तरह की जा सकती है! क्लब फैक्ट्री के इस कृत्य का पुरज़ोर विरोध होना चाहिए। कम से कम हम स्त्रियों को इस ऑनलाइन मार्केटिंग पोर्टल का पूरी तरह बहिष्कार करना चाहिए और यह कम से कम तब तक के लिए जरूर होना चाहिए जब तक कि क्लब फैक्ट्री अपनी इस शर्मनाक हरकत की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए शर्मिंदा होकर माफ़ी न मांग लें। माफ़ी फेसबुक को भी मांगनी चाहिए जो अपने यूज़र्स को स्त्री के प्रति दुर्भावना से भरे ऐसे घटिया विज्ञापन परोसता है। 
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क्लब फैक्ट्री पर प्रदर्शित आपत्तिजनक उत्पादों के लिंक
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