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ग्लो ऑफ़ होप |
इस मशहूर और बेहद खूबसूरत पेंटिंग को कुछ समानताओं के कारण लोग अक्सर राजा रवि वर्मा की बनाई पेंटिंग समझ लेते हैं। गूगल पर राजा रवि वर्मा की कृतियों को सर्च करने पर, यह पेंटिंग भी एकदम शुरूआती परिणामों में दिखाई देती है!
लेकिन असल में इस वाटर कलर पेंटिंग को एक पेंटर पिता ने अपनी बेटी को देखकर तब बनाना शुरू किया था, जब एक दिवाली की रात हाथ में दीप लिए और हथेली के सहारे उसकी लौ को हवा से बचाने का यत्न करती, वह अपने पिता के सामने आकर खड़ी हो गयी थी। इस दृश्य ने पिता एस.एल. हलदणकर को इस कदर प्रभावित किया कि तीन दिनों तक लगातार जुटे रहकर उन्होंने इसे कैनवस पर उतार लिया। इन तीन दिनों तक कई बार घंटों इसी पोज़ में खड़े रहकर बेटी भी अपने पिता का सहयोग करती रही।
इस पेंटिंग में उतारी गयी लड़की का नाम गीता हलदणकर है। गीता का पिछले हफ्ते (2अक्टूबर को) 102 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इसके बाद ही मीडिया के ज़रिए मुझे पहली बार इस पेंटिंग के पीछे की कहानी जानने का मौका मिला। इससे पहले तक इस कालाकृति को मैं भी राजा रवि वर्मा की बनायी पेंटिंग ही समझती थी!
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