लम्बे अरसे से पंकज
कपूर अभिनीत फिल्म ‘हैप्पी’ का
इंतज़ार कर रही थी; बहुत साल पहले इस फिल्म का सिर्फ पोस्टर
भर देखा था। फिर सालों तक सर्च करती रही; लेकिन न तो उस फिल्म
की चर्चा कहीं सुनी, न ही ट्रेलर वगैरह देखने को कहीं मिला।
लेकिन अभी कुछ दिन पहले ज़ी5 पर ये फिल्म अचानक से दिखाई दी। पता चला कि कई तरह की
दिक्कतों से जूझते हुए इस फिल्म को परदे पर रिलीज़ करना संभव नहीं हो सका तो अंतत:
25 दिसम्बर को यह फिल्म ज़ी5 पर रिलीज़ की गयी। साल 2019 ने बेहतर हिंदी फिल्मों के
ख़याल से लगभग निराश ही किया; ऐसे में साल के अंत तक
पहुँचते-पहुँचते ‘हैप्पी’ देखना
संतोषप्रद रहा।
पंकज
कपूर अपनी हर फिल्म में कुछ अलग, कुछ नया करने के लिए
जाने-जाते हैं। इस फिल्म में भी उनका अभिनय बेहतरीन है। उल्लेखनीय यह है कि इसकी
कहानी भी उन्होंने ही लिखी है। निर्देशक भावना तलवार ने काबिले तारीफ काम किया है।
इससे पहले ‘धर्म’ फिल्म से भी वो अपनी
प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी हैं। फिल्म ‘हैप्पी’ पूरी की पूरी ब्लैक एंड व्हाइट इफैक्ट के साथ बनायी गयी है। फिल्म के
मुख्य किरदार हैप्पी पर और फिल्म पर चार्ली चैपलिन और उनकी फिल्मों का प्रभाव भी
महसूस किया जा सकता है। इस फिल्म का मुख्य किरदार एक बहुत ही सकारात्मक संवाद को
फिल्म में कई बार दोहराता है। उसे यहाँ लिख देने का लोभ मुझसे छूट नहीं रहा है- ‘
दोस्तों ये जो ज़िन्दगी नाम की डिश है न, इसमें
सबसे ज़रुरी मसाला होता है स्माइल का। इस्माइल प्लीज़ :)
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