ओडिशा
के पुरी तट से टकराने के बाद चक्रवाती तूफ़ान फोनी (fani) ने
विकराल रूप धारण कर लिया है। तटीय इलाकों में मूसलाधार बारिश हो रही है और 200
कि.मी. प्रति घंटे की रफ़्तार से तेज हवाएँ चल रही हैं। ख़बरों के मुताबिक ओडिशा में
बीस साल बाद इतना बड़ा तूफ़ान आया है। हमारे परिवार के कई सदस्य भी कल दोपहर तक पुरी
में थे। वापसी की उनकी ट्रेन कल रात की थी, जो रद्द कर दी
गयी। लेकिन कल दोपहर को चलायी गयी एक स्पेशल ट्रेन से उन्हें वापसी की टिकट मिल
सकी, तो हम लोगों की जान में जान आई। पर्यटक तो फिर भी
अपने-अपने घरों को वापस लौट गए होंगे, लेकिन असल चिंता उन
लोगों की है, जिनका घर ही पुरी या अन्य तटीय इलाकों में है।
बहुत
खूबसूरत और प्राकृतिक सम्पदा के धनी ओडिशा के साथ इस तरह की त्रासदी बार-बार न
होती तो वह भारत के संपन्न राज्यों में गिना जाता। लेकिन जिस जीवटता से ओडिशा के
लोग इस तरह की आपदाओं का सामना करते हैं, इसके लिए
उनकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। चूँकि मौसम विभाग ने समय रहते अलर्ट जारी कर
दिया था और समय रहते लाखों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचा दिया गया है,
इसलिए यह उम्मीद की जानी चाहिए कि नुकसान कम से कम होगा। लेकिन इसके
बावजूद पेड़ों, बिजली वगैरह के खंभों और कच्चे घरों-दुकानों
के उखड़ने-टूटने से होने वाले नुकसान को तो नहीं ही रोका जा सकेगा। जो लोग अब भी
खतरे वाले इलाकों में रहने के लिए विवश हैं, उन्हें हिम्मत,
धैर्य और समझदारी से काम लेना होगा। इस कठिन वक्त में पूरा देश
ओडिशा के साथ खड़ा है। हम प्रार्थना कर रहे हैं कि यह तूफ़ान आपकी मजबूती से टकराकर
बेहद कमज़ोर हो जाए और जान-माल की कोई हानि न हो!
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