मुंबई में हाल ही में
फिल्म प्रभाग (Film Division of India) परिसर में भारतीय
सिनेमा के राष्ट्रीय संग्रहालय (National Museum of the Indian Cinema) का उद्घाटन हुआ है। पिछले दिनों एक सेमिनार और रिसर्च से जुड़े काम के
सिलसिले में मेरा मुंबई जाना हुआ। किसी अनजान शहर में अकेले उतरने, वहाँ के ऑटो, टैक्सी, लोकल
ट्रेन में अकेले सफ़र करने के अनुभव कुल मिलाकर बेहद अच्छे रहे।
जिस
दिन वहां पहुँची उसी दिन सबसे पहले इस म्यूज़ियम को ही देखने गयी। दो भवनों में
समाया यह बेहद विशाल संग्रहालय सिनेमा की पूरी यात्रा को बेहद सुन्दर तरीके से
दिखाता है। इस म्यूज़ियम में आप सिनेमा के शुरूआती दौर से लेकर अब तक के इतिहास को, सिनेमा बनने की प्रक्रिया को, इसके लिए उपयोग किये
जाने वाले तकनीकी उपकरणों मसलन विभिन्न प्रकार के कैमरों, साउंड
रिकॉर्डर्स, रीलों व शूटिंग के समय काम आने वाले अन्य
विभिन्न उपकरणों, संपादन की तकनीकों वगैरह को बेहद नजदीक से
देख और महसूस कर सकते हैं। इस संग्रहालय में घूमते हुए भारतीय सिनेमा की पूरी
परंपरा को आप जैसे साकार देखते हैं। कई-कई जगहों पर तो आपको खुद इस रोमांच का
हिस्सा बनने का भी मौका मिलता है। मसलन आप गाँधीजी के साथ बैठ कर फिल्म देखने जैसा
अनुभव कर सकते हैं, तरह-तरह के बैकग्राउंड सेलेक्ट कर अपनी
ऐसी तस्वीरें खिंचवा सकते हैं कि देखकर लगेगा ही नहीं कि आप सचमुच उस लोकेशन पर नहीं
हैं।
इस
संग्रहालय के हर एक कोने में भारतीय सिनेमा के किसी न किसी तत्व की मौजूदगी है।
यहाँ के वॉशरूम तक को सिनेमा का प्रभाव ली हुई कलात्मकता से संवारा गया है। सोने
पे सुहागा यह है कि यहाँ के सभी स्टाफ बेहद विनम्र और सहयोगी स्वाभाव के हैं। अभी
इस म्यूज़ियम के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है, इसलिए यहाँ इक्के-दुक्के लोग ही दिखाई दिए। लेकिन मुझे उम्मीद है कि जल्दी
ही यह मुम्बई के बेहद लोकप्रिय स्थानों में से एक होगा। कभी मुंबई जाइए और समय
मिले तो म्यूज़ियम ऑफ़ इंडियन सिनेमा ज़रूर जाइए। यह संग्रहालय अनूठा तो है ही,
इसकी टिकट भी बेहद सस्ती है।
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